बुधवार, 28 अगस्त 2013

नैन  हीन  को राह  दिखाओ  प्रभु 
पग पग ठोकर खाऊँ गिर जाऊं मैं 
 नैनहीन  को राह दिखाओ प्रभु।

तुम्हारी नगरियाँ  की कठिन डगरियाँ
  चलत चलत  गिर जाऊं मैं
 नैनहीन  को राह दिखाओ प्रभु।
चहूँ  ओर मेरे घोर अँधेरा
भूल  न जाऊं द्वार तेरा
एक  बार प्रभु  हाथ  पकड़  लो
मन  का  दीप  जलाऊं  मैं प्रभु  ,
नैन हीनको  राह दिखाओ प्रभु।

लता  भजन
श्री  कृष्ण जन्माष्टमी  की  बहुत बहुत बधाईयाँ बन्धुओ



2 टिप्‍पणियां:

Asha Joglekar ने कहा…

प्रभु हाथ पकड लें तो नैनों की आवश्यकता ही कहाँ .

alka mishra ने कहा…

मैं आशा जी से सहमत हूँ