सोमवार, 14 मार्च 2011

अंतर


दोनों शराब पी रहे थे ,
अंतर सिर्फ इतना है
कि
एक ओर उनको हवालात में
बंद कर कहा जा रहा था
"साले
जाने देश का क्या करेंगे !"
और दूसरी ओर
पुलिस अफसर बड़े मैनर्स से
गिलास टकराता हुआ कह रहा था --
"चीयर्स "
,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
रचनाकार --सपना जायसवाल

20 टिप्‍पणियां:

विशाल ने कहा…

बहुत सुन्दर रचना है,ज्योति जी.
मंटो की याद करवा दी .
सलाम.

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

सुन्दर रचना, यही भेद है।

राज भाटिय़ा ने कहा…

बहुत भावमयी सुन्दर रचना

शाहिद मिर्ज़ा ''शाहिद'' ने कहा…

सुन्दर व्यंग्य है...लेखिका और आपको बधाई.

Rakesh Kumar ने कहा…

व्यक्ति व्यक्ति और स्थान स्थान का फर्क होता ही है, सिवाय उन दीवानों के जो कहते है 'साकी शराब पीने दे मस्जिद में बैठ कर ,या वो जगह बता जहाँ पर खुदा ना हो.' व्यंग का तीखा बान चलाती सुंदर अभिव्यक्ति.

Dr (Miss) Sharad Singh ने कहा…

अच्छा कटाक्ष....

मुकेश कुमार सिन्हा ने कहा…

yahi to antar hai....bhuke agar apni bhukh meetane ke liye chori kare to chor..........aur raja paise dakare to ..........abhi apraadh siddh nahi hua hai..!

मुकेश कुमार सिन्हा ने कहा…

yahi to antar hai....bhuke agar apni bhukh meetane ke liye chori kare to chor..........aur raja paise dakare to ..........abhi apraadh siddh nahi hua hai..!

डॉ० डंडा लखनवी ने कहा…

शराब (नशा) चतुर-चालाक लोगों का आम लोगों पर प्रयोग किए जाने वाला घातक हथियार है। इसके द्वारा वे अपने शत्रु का मानसिक राडार को जाम कर देते हैं। उसके बाद अपनी योजना को अंजाम देते हैं। सर्वहारा वर्ग को इससे दूर रहना चाहिए। इसका सेवन शील-संयम के विरुद्ध अर्थात अश्लील है। आपकी रचना से यह बात पूरी तरह से सिद्ध होती है। प्रशंसनीय.........लेखन के लिए बधाई।
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देश को नेता लोग करते हैं प्यार बहुत?
अथवा वे वाक़ई, हैं रंगे सियार बहुत?
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होली मुबारक़ हो। सद्भावी-डॉ० डंडा लखनवी

Dr Varsha Singh ने कहा…

मनोभावों को खूबसूरती से पिरोया है। बधाई।

आपको रंगपर्व होली पर असीम शुभकामनायें !

bilaspur property market ने कहा…

बहुत-बहुत बधाई . रंग-पर्व की अनेकानेक शुभकामनाएं .
manish jaiswal

bilaspur

chhattisgarh

kalaam-e-sajal ने कहा…

achha blog hai aapka, cheers.

महेन्‍द्र वर्मा ने कहा…

वाह, अच्छी कविता है।
तीखा कटाक्ष है।

होली पर्व की अशेष हार्दिक शुभकामनाएं।

Rahul Singh ने कहा…

दोनों पहलू दिखा दिए आपने.

Kunwar Kusumesh ने कहा…

गागर में सागर.

mridula pradhan ने कहा…

wah.behad achchi lagi.

मदन शर्मा ने कहा…

सुन्दर व्यंग्य है...लेखिका और आपको बधाई

Patali-The-Village ने कहा…

मनोभावों को खूबसूरती से पिरोया है। धन्यवाद्|

ZEAL ने कहा…

बढ़िया आइना दिखाया।

amrendra "amar" ने कहा…

sunder karara vyangya ..........sarthak lekh ke liye aapko bahut bahut badhai