रविवार, 2 जनवरी 2011

गोपाल प्रसाद व्यास की रचना ----'आराम करो '

21 टिप्‍पणियां:

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

जब पहली बार ही पढ़ी थी, बहुत आनन्द आया था।

इस्मत ज़ैदी ने कहा…

बहुत मज़ेदार रचना !

निर्मला कपिला ने कहा…

बहुत उमदा रचना है। धन्यवाद। आपको सपरिवार नये साल की हार्दिक शुभकामनायें।

राज भाटिय़ा ने कहा…

पहले भी पढ रखी हे जी बहुत सुंदर. फ़िर से पढवाने के लिये धन्यवाद,
आप को नये साल की हार्दिक शुभकामनायें।

शाहिद मिर्ज़ा ''शाहिद'' ने कहा…

:) :) :)
रचना कहां गई???
नए साल पर हार्दिक शुभकामनाएं.

महेन्‍द्र वर्मा ने कहा…

इस खटराग को पहले भी पढ़ चुका था, फिर से पढ़कर आनंद आया।
अच्छी हास्य कविता है।
।। नूतन वर्षाभिनंदन।।

सूफ़ी आशीष/ ਸੂਫ਼ੀ ਆਸ਼ੀਸ਼ ने कहा…

ज्योति जी,
नमस्ते!
आनंद! आनंद! आनंद!
स्वाद आ गया!
न्यू ईअर में मेरे अलावा, होप, हैल्थ एंड हैप्पीनेस आपके रफ़ीक रहें!
आशीष
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हमहूँ छोड़ के सारी दुनिया पागल!!!

अरुणेश मिश्र ने कहा…

मजेदार ।

akhilesh pal ने कहा…

sundar

Indranil Bhattacharjee ........."सैल" ने कहा…

वाह पढकर बहुत मज़ा आया !

Patali-The-Village ने कहा…

बहुत उमदा रचना है। धन्यवाद।

SATYA ने कहा…

सुंदर रचना.

Vilas Pandit ने कहा…

आपके ब्लॉग पर आकर विशिष्ट साहित्यकारों को पढना एक सुखद अनुभव है

मुकेश कुमार सिन्हा ने कहा…

majedaar...ye pata hi nahi tha ki aaraam me raam chhhipa hai..:)

Dr. Zakir Ali Rajnish ने कहा…

ज्‍योति जी, मजा आ गया गोपाल जी कविता पढ कर। हार्दिक आभार।

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पति को वश में करने का उपाय।
मासिक धर्म और उससे जुड़ी अवधारणाएं।

ManPreet Kaur ने कहा…

Happy Lohri To You And Your Family..

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सहज समाधि आश्रम ने कहा…

जितनी तारीफ़ की जाय कम है ।
सिलसिला जारी रखें ।
आपको पुनः बधाई ।

सहज समाधि आश्रम ने कहा…

I really enjoyed reading the posts on your blog.

Arvind Mishra ने कहा…

आराम बड़ी चीज है मुंह ढक के सोयिये -एक दर्शन छुपा है इस श्रेष्ठ रचना में :)

Akhilesh pal blog ने कहा…

keya khoob likha hai jyoti ji ne

केवल राम ने कहा…

आनंद दायक .....बहुत बहुत आभार