सांस का पत्थर उखड़ेगा तो देखेंगे
जिस्म का पैकर टूटेगा तो देखेंगे ,
कितना दम था खेमे की बुनियादो में
जोर हवा का टूटेगा तो देखेंगे ,
कितना जोर था तूफानी बरसातों में
बरगद कोई उखड़ेगा तो देखेंगे ,
पहली बूँद के क्या -क्या रूप अनूप रहे
सीप से मोती निकलेगा तो देखेंगे ,
रात ने कितने अश्क बहाए सुबह तलक
शाखा से पानी टपकेगा तो देखेंगे ,
अपनी उम्र के रंग कहाँ तक मांद पड़े
बच्चा तितली पकड़ेगा तो देखेंगे ,
किसने किसको कितने पत्थर मारे है
पहरा जिस दम उठेगा तो देखेंगे ,
हर्फो -सदा ने मिलकर क्या गुलकारी की
खून कलम से टपकेगा तो देखेंगे ,
किसकी पेशानी ने कितने जख्म सहे
चाँद जमीं पर उतरेगा तो देखेंगे ,
जश्न मनाएं क्यूँ मांगे किरणों का 'नजीर'
अपना सूरज चमकेगा तो देखेंगे ।
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'नजीर' फतेहपुरी
20 टिप्पणियां:
'नजीर' फतेहपुरी साहेब की रचना पढ़वाने के लिए आभार!
नज़र फतेहपुरी जी की रचना पढ़कर अच्छा लगा , आभार !!
सीप से मोती निकलेगा तो देखेंगे.nice
ज्योति जी आदाब
नज़ीर साहब की ग़ज़ल बहुत उम्दा रही
इसके चयन के लिये बधाई
atee sundar aap kee kabitaa achchi lagi
नजीर' फतेहपुरी जी की सुंदर नजम के लिये आप का धन्यवाद
aap ne mere blog par aakar jo vichar byakt kiya iske liye bahot danyavad aasa hai ke aage bhe aap apane vichar dengi danyavad
हर्फो -सदा ने मिलकर क्या गुलकारी की
खून कलम से टपकेगा तो देखेंगे ,
किसकी पेशानी ने कितने जख्म सहे
चाँद जमीं पर उतरेगा तो देखेंगे ,
जश्न मनाएं क्यूँ मांगे किरणों का 'नजीर'
अपना सूरज चमकेगा तो देखेंगे .....
बहुत सुंदर पंक्तियों के साथ ....सुंदर रचना....
Maaf kijiyga kai dino busy hone ke kaaran blog par nahi aa skaa
नज़र फतेहपुरी जी की रचना पढ़कर अच्छा लगा , आभार !!
कितना दम था खेमे की बुनियादो में
जोर हवा का टूटेगा तो देखेंगे ,
Nazir shahib ki rachna padhakar bahut achha laga.
Aapka abhar
बहुत ही ख़ूबसूरत और शानदार रचना है! दिल को छू गयी! हर एक पंक्तियाँ सराहनीय है! उम्दा रचना!
कितना दम था खेमे की बुनियादो में
जोर हवा का टूटेगा तो देखेंगे ,
नज़ीर साहिब की गज़लें दिल को छू गयी । बहुत बहुत धन्यवाद्
bahut bahut shukriyaan aap sabhi logo ka, meri pasand me shamil hone ke liye
जश्न मनाएं क्यूँ मांगे किरणों का 'नजीर'
अपना सूरज चमकेगा तो देखेंगे ।
..वाह! अच्छी गज़ल का शानदार मक्ता.
वाह वाह
मजा आ गया दोस्त बेहतरीन सुन्दर पोस्ट
वाह क्या विजन है ?
बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति ।
जश्न मनाएं क्यूँ मांगे किरणों का 'नजीर'
अपना सूरज चमकेगा तो देखेंगे ।
kamaal ki rachna hai
अच्छी प्रस्तुति
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