शुक्रवार, 28 जनवरी 2011

'श्रद्धांजलि '


तुम आज नही हो वर्तमान ,
आयोजन है
श्रद्धांजलियों का ,
भाषण ,कुर्सिया ,मंच ,
मालायें शब्द ,पुस्तकें ,
लाउडस्पीकर आकाशवाणी ,
क्या तुम्हे पसंद नही ?
यह ढोल ,
यह खोल ,
तो बताओ
कैसे श्रद्धांजलि लोगे तुम ?
अपने नाम पर
चंदा करवाकर
नगर के चोंराहे पर
प्रतिमा -रूप में टंग जाना
पसंद क्यों नही करते तुम ?
मेरी मानो तो बन्धु ,
इसी में परम सुख है ,
कल्याण है ,
नेताओ के मुख से
हर साल (आज के दिन )
तुम्हे याद किया जाना
नगर के चौराहे पर
प्रतिमा बन खड़े हो जाना
थोड़े से रूपए खर्च होते है
वरना ,
तुम्हारे रास्ते पर अमल
तुम्हारी योजनाओ पर कार्य ,
तुम्हारे मार्गो पर यात्रा
बड़ा ही व्ययसाध्य है ,
और भारत ,
एक गरीब देश है
,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
रचनाकार -------कमला चांदवानी

12 टिप्‍पणियां:

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

यही तरीका समझा जाता है श्रेष्ठों को याद करने का, अपने देश में। गहरा हो कुछ तो, उन्हे भी शान्ति मिले।

इस्मत ज़ैदी ने कहा…

बहुत बढ़िया ,
सच में उन महापुरुषों को साल में २-३ बार ही तो याद किया जाता है

तुम्हारे रास्ते पर अमल
तुम्हारी योजनाओ पर कार्य ,
तुम्हारे मार्गो पर यात्रा
बड़ा ही व्ययसाध्य है ,
और भारत ,
एक गरीब देश है

बहुत बढ़िया !

Akhilesh pal blog ने कहा…

bharat gareeb desh nahi hai par par yaha ke logo ki soch gareeb hai

प्रेम सरोवर ने कहा…

बहुत ही सुंदर प्रस्तुति।

राज भाटिय़ा ने कहा…

अरे वाह जी आज सब यही तो हो रहा हे, बहुत खुब, धन्यवाद

Rajesh Kumar 'Nachiketa' ने कहा…

सही बात है गरीब देश में मूर्ती तो लग सकती है...गरीब जनता का उद्भव नहीं हो सकता....
बढ़िया व्यंग्य भी है...

महेन्‍द्र वर्मा ने कहा…

आजकल के नेताओं के लिए बहुत बढ़िया सुझाव दिया गया है इस कविता में।

अच्छी व्यंग्य रचना।

शाहिद मिर्ज़ा ''शाहिद'' ने कहा…

इतना भी याद कर लें...बहुत है ज्योति जी :)
अच्छी रचना प्रस्तुत करने के लिए बधाई.

Indranil Bhattacharjee ........."सैल" ने कहा…

बहुत बढ़िया ! सुन्दर व्यंग्य !

बेनामी ने कहा…

अपनी स्वार्थसिद्धि के आगे उनकी पसंद का ध्यान कौन रखता है - सुंदर रचना के माध्यम से ध्यान दिलाने के लिए आभार

Shikha Kaushik ने कहा…

bahut vangyatmak kavita dwara is desh me shradhanjli dene ke tareeke ka udghatan kiya hai.kamala ji ki rachna bahut achchhi lagi .aabhar .

मुकेश कुमार सिन्हा ने कहा…

ek khubsurat vyangyatmak rachna pesh karne ke liye dhanyawad...jyoti jee......