सांस का पत्थर उखड़ेगा तो देखेंगे
जिस्म का पैकर टूटेगा तो देखेंगे ,
कितना दम था खेमे की बुनियादो में
जोर हवा का टूटेगा तो देखेंगे ,
कितना जोर था तूफानी बरसातों में
बरगद कोई उखड़ेगा तो देखेंगे ,
पहली बूँद के क्या -क्या रूप अनूप रहे
सीप से मोती निकलेगा तो देखेंगे ,
रात ने कितने अश्क बहाए सुबह तलक
शाखा से पानी टपकेगा तो देखेंगे ,
अपनी उम्र के रंग कहाँ तक मांद पड़े
बच्चा तितली पकड़ेगा तो देखेंगे ,
किसने किसको कितने पत्थर मारे है
पहरा जिस दम उठेगा तो देखेंगे ,
हर्फो -सदा ने मिलकर क्या गुलकारी की
खून कलम से टपकेगा तो देखेंगे ,
किसकी पेशानी ने कितने जख्म सहे
चाँद जमीं पर उतरेगा तो देखेंगे ,
जश्न मनाएं क्यूँ मांगे किरणों का 'नजीर'
अपना सूरज चमकेगा तो देखेंगे ।
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'नजीर' फतेहपुरी