गुरुवार, 11 फ़रवरी 2010



सांस का पत्थर उखड़ेगा तो देखेंगे


जिस्म का पैकर टूटेगा तो देखेंगे ,


कितना दम था खेमे की बुनियादो में


जोर हवा का टूटेगा तो देखेंगे ,


कितना जोर था तूफानी बरसातों में


बरगद कोई उखड़ेगा तो देखेंगे ,


पहली बूँद के क्या -क्या रूप अनूप रहे


सीप से मोती निकलेगा तो देखेंगे ,


रात ने कितने अश्क बहाए सुबह तलक


शाखा से पानी टपकेगा तो देखेंगे ,


अपनी उम्र के रंग कहाँ तक मांद पड़े


बच्चा तितली पकड़ेगा तो देखेंगे ,


किसने किसको कितने पत्थर मारे है


पहरा जिस दम उठेगा तो देखेंगे ,


हर्फो -सदा ने मिलकर क्या गुलकारी की


खून कलम से टपकेगा तो देखेंगे ,


किसकी पेशानी ने कितने जख्म सहे


चाँद जमीं पर उतरेगा तो देखेंगे ,


जश्न मनाएं क्यूँ मांगे किरणों का 'नजीर'


अपना सूरज चमकेगा तो देखेंगे


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'नजीर' फतेहपुरी

गुरुवार, 4 फ़रवरी 2010

'आज की सरकार'

बनी !आज ऐसी 'सरकार ',
चटनी में मिल गयी आचार
दूरदर्शन में देखे ,
सदन की कारवाई
देश हित की बात होती
होती बड़े बड़ाई
हम तुम ,हम तुम होते होते
बंद होती कारवाई
कारवाई की हालात ,
लगती बड़ी अजूबा
लूट खाये देश को ,
लगती यही मंसूबा
आज बनी है ऐसी सरकार ,
चटनी में मिली है अचार
पार्टी पार्टी का नाम नये ,
बनते एक से एक
देश हित में भरे पड़े ,
दल बदलू सांसद अनेक
स्वार्थ हित ,कार्य रहित ,
दल बदलू को अति आराम
इनके हर मंसूबे पर ,
लगा है पूर्ण विराम
टीका टिप्पणी ऐसे करते ,
जैसे हो अज्ञान
इर्ष्या द्वेष में सभी है दिखते,
करेंगे क्या देश काम
चोर !चोर !सब चोर ,
चोरी में है बदनाम
"चारा" का चोर ,
गुनाहों का चोर ,
सब चोरों में है नाम

गठबंधन सब महान

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रचनाकार ------इंदु सिंह