मित्रो, इस ब्लौग में मैं मेरे पसंदीदा रचनाकारों की रचनायें प्रस्तुत करूंगी, जो निश्चित रूप से आपको भी पसन्द आयेंगी.
गुरुवार, 11 नवंबर 2010
हुस्न वालों का अहतराम करो
कुछ तो दुनिया में नेक काम करो ,
शेख़ आए है बावजू होकर
अब तो पीने का इंतजाम करो ।
अभी बरसेंगे हर तरफ जलवे
तुम निगाहों का अहतमाम करो ,
लोग डरने लगे गुनाहों से
बारिश -ए- रहमत -ए -तमाम करो ।
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अर्थ ----
अहतराम -इज्ज़त ,बावज़ू --वजू करना , बारिश -ए- रहमत -ए -तमाम -खुदा की कृपा की बारिश
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रचनाकार ----कँवर मोहिंदर सिंह बेदी 'सहर '
बेदी जी की इस रचना को आप सभी ने जगजीत सिंह जी की आवाज़ में सुना ही होगा ,यह मुझे बेहद पसंद है शायद आपको भी आए .इसे सुनते -२ ही लिख रही हूँ अभी .
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