तेरा हिज्र मेरा नसीब है
तेरा गम ही मेरी हयात है ।
मुझे तेरी दूरी का गम हो क्यों
तू कही भी हो मेरे साथ है ।
मेरे वास्ते तेरे नाम पे
कोई हर्फ़ आये ,नही नही ।
मुझे खौफे दुनिया नही ,
मगर मेरे रु -ब -रु तेरी जात है
मेरे रु -ब -रु तेरी जात है ।
तेरा वस्ल ऐ मेरी दिलरुबा
नही मेरी किस्मत तो क्या हुआ ?
मेरी महजबी मेरी महजबी
मेरी महजबी यही कम है क्या ?
तेरी हसरतों का तो साथ है
तेरी हसरतों का तो साथ है ।
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निदा फाजली की ये रचना आप सभी ने सुनी होगी ,मगर मुझे पसंद है बेहद और ये गीत अक्सर सुनती हूँ इसलिए ब्लॉग पर डाल दी हूँ इस पसंद को ।
15 टिप्पणियां:
jaisa maine kahan behad pasand hai ,isliye tippani bhi nida ji ke liye meri hogi aage ,
[Photo]
तेरा हिज्र मेरा नसीब है
तेरा गम ही मेरी हयात है ।
मुझे तेरी दूरी का गम हो क्यों
तू कही भी हो मेरे साथ है ।
बहुत आभार निदा फाज़ली साहब की इस बेहतरीन नज़्म को यहाँ लाने के लिए.
हर शब्द में गहराई, बहुत ही बेहतरीन प्रस्तुति ।
jyoti ji jwaab nahi aapka.....
nice
yh vakai laajwaab gzl hai.aabhar.
तेरा वस्ल ऐ मेरी दिलरुबा
नही मेरी किस्मत तो क्या हुआ ?
मेरी महजबी मेरी महजबी
मेरी महजबी यही कम है क्या ?
तेरी हसरतों का तो साथ है
वाह बहुत खूब दिल को छू गयी ये पँक्तियाँ। धन्यवाद्
ज्योति जी ,बहुत अच्छा collection है आप के पास ग़ज़लों ,नज़्मों का
धन्यवाद हम सब से बांटने के लिए
Behad dilkash abhivyakti ..pad kar bahut accha laga.
Aapko dhanywaad.
bhoot koob
निदा फाजली की इतनी सुन्दर नज़्म पढवाने का बहुत बहुत शुक्रिया...
(आपका दूसरा ब्लॉग नहीं खुल रहा )
हर एक पंक्तियाँ लाजवाब है! इस शानदार रचना ने दिल को छू लिया! उम्दा रचना!
Nida Fajali sahab kee itani sundar rachana padhvane ke liye abhar.
बहुत सुन्दर है.
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"पाखी की दुनिया" में इस बार पोर्टब्लेयर के खूबसूरत म्यूजियम की सैर
बहुत सुन्दर है.
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"पाखी की दुनिया" में इस बार पोर्टब्लेयर के खूबसूरत म्यूजियम की सैर
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