रविवार, 2 जनवरी 2011

गोपाल प्रसाद व्यास की रचना ----'आराम करो '

21 टिप्‍पणियां:

  1. जब पहली बार ही पढ़ी थी, बहुत आनन्द आया था।

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  2. बहुत उमदा रचना है। धन्यवाद। आपको सपरिवार नये साल की हार्दिक शुभकामनायें।

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  3. पहले भी पढ रखी हे जी बहुत सुंदर. फ़िर से पढवाने के लिये धन्यवाद,
    आप को नये साल की हार्दिक शुभकामनायें।

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  4. :) :) :)
    रचना कहां गई???
    नए साल पर हार्दिक शुभकामनाएं.

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  5. इस खटराग को पहले भी पढ़ चुका था, फिर से पढ़कर आनंद आया।
    अच्छी हास्य कविता है।
    ।। नूतन वर्षाभिनंदन।।

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  6. ज्योति जी,
    नमस्ते!
    आनंद! आनंद! आनंद!
    स्वाद आ गया!
    न्यू ईअर में मेरे अलावा, होप, हैल्थ एंड हैप्पीनेस आपके रफ़ीक रहें!
    आशीष
    ---
    हमहूँ छोड़ के सारी दुनिया पागल!!!

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  7. बहुत उमदा रचना है। धन्यवाद।

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  8. आपके ब्लॉग पर आकर विशिष्ट साहित्यकारों को पढना एक सुखद अनुभव है

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  9. जितनी तारीफ़ की जाय कम है ।
    सिलसिला जारी रखें ।
    आपको पुनः बधाई ।

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  10. आराम बड़ी चीज है मुंह ढक के सोयिये -एक दर्शन छुपा है इस श्रेष्ठ रचना में :)

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