मित्रो, इस ब्लौग में मैं मेरे पसंदीदा रचनाकारों की रचनायें प्रस्तुत करूंगी, जो निश्चित रूप से आपको भी पसन्द आयेंगी.
रविवार, 6 फ़रवरी 2011
मुक्तक
इक पल की हार पर ,दुख न कर ,
मुस्कुरा के इसे भी ,स्वीकार कर ,
चलना सिखला देती है ,इंसान को ,
राह में लगी हुई ,हर इक ठोकर ।
..................................................
उगते सूरज को , कौन रोक पाया
किरण को अँधेरा कब ढांप पाया ,
जुलम -ओ -सितम से ,कब इंसान हारा ,
आशा को भला कौन मिटा पाया ।
/////////////////////////////////
सतत प्रयत्न ही ,दुनिया में सफल होते है ,
वे मूर्ख होते है ,जो पछताते रहते है ,
भुला कर अतीत ,भविष्य में झांको ,
पाते है मंजिल वही ,जो चलते रहते है ।
,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
दुख को ही ना अपनी नियति मान
असफलताओ को ना ,अपना भाग्य जान ,
उठ संघर्ष कर ,कर्म कर
हर मुसीबत से लड़ना ,अपना फर्ज जान ।
--------------------------------------------
अरुणा शर्मा
दुख को ही ना अपनी नियति मान
जवाब देंहटाएंअसफलताओ को ना ,अपना भाग्य जान ,
उठ संघर्ष कर ,कर्म कर
हर मुसीबत से लड़ना ,अपना फर्ज जान ।
वाज जी बहुत खुब हमे हर हालात मे हर मुस्किल से लड कर आगे बढना हे , बहुत सुंदर रचना, धन्यवाद
जीवन को आशाओं से भरने वाला...मुक्तक....
जवाब देंहटाएंबड़ा ही ऊर्जा भरने वाला संदेश।
जवाब देंहटाएंएक बेहतरीन रचना ।
जवाब देंहटाएंकाबिले तारीफ़ शव्द संयोजन ।
बेहतरीन अनूठी कल्पना भावाव्यक्ति ।
सुन्दर भावाव्यक्ति ।
बहुत उम्दा.
जवाब देंहटाएंसलाम.
Sunder,ati sundar,josh aur prerna
जवाब देंहटाएंjagaati shaandaar abhivyakti.
सतत प्रयत्न ही ,दुनिया में सफल होते है
जवाब देंहटाएंक्या बात है.
सुन्दर कविता.