कातिल का कही किरदार तो है
कागज़ ही सही ,तलवार तो है ।
तन्हा तो नही हूँ दुनिया में
दुश्मन ही सही ,इक यार तो है ।
कीमत न सही कुछ मेरी यहाँ
बिकने के लिए बाज़ार तो है ।
काबू में नही कश्ती ,न सही
हाथो में अभी पतवार तो है ।
गुर्बत ही सही मेरी लेकिन
रस्ते में कोई दीवार तो है ।
मंजिल न सही नजरो में अभी
कदमो में मिरे रफ़्तार तो है ।
क्या फ़र्ज़ है चार:गर तेरा
मुफ्लिस ही सही ,बीमार तो है ।
आँखों में तिरी आँसू ही सही
चेहरे पर कोई इज़हार तो है ।
कुछ और नही दिल में न सही
ख्वाबों का 'ज़मील ' अंबार तो है ।
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रचनाकार -----'जमील ' हापुड़ी
तन्हा तो नही हूँ दुनिया में
जवाब देंहटाएंदुश्मन ही सही ,इक यार तो है ।
मंजिल न सही नजरो में अभी
कदमो में मिरे रफ़्तार तो है ।
बहुत अच्छी भावाभिव्यंजना । आपकी ये रचना सकारात्मक सोच पर आधारित सात्विक विचारों को प्रोत्साहन देने वाली हैं | हर शेर में बेजोड और ताजगी देता हुआ | एक बेहद उम्दा रचना के लिये बधाई और आभार ।।
बहुत सुंदर अभिव्यक्ति के साथ.... बहुत अच्छी लगी यह रचना....
जवाब देंहटाएंमंजिल न सही नजरो में अभी
जवाब देंहटाएंकदमो में मिरे रफ़्तार तो है
बहुत ही सकारात्मक शेर है,
अति सुंदर
bahut sundar rachna....
जवाब देंहटाएंकीमत न सही कुछ मेरी यहाँ
जवाब देंहटाएंबिकने के लिए बाज़ार तो है ।
मंजिल न सही नजरो में अभी
कदमो में मिरे रफ़्तार तो है ।
ये शेर खास पसंद आये
कीमत न सही कुछ मेरी यहाँ
जवाब देंहटाएंबिकने के लिए बाज़ार तो है ।
बेहतरीन
मंजिल ना सही नजरों में
जवाब देंहटाएंक़दमों में तेरे रफ़्तार तो है ...
हम जो चलने लगे चलने लगेंगे रास्ते
मंजिल से बेहतर लगने लगते हैं रास्ते ...!!
वाह! बेहतरीन!
जवाब देंहटाएंआप की यह रचना बहुत सुंदर लगी
जवाब देंहटाएंkhoobsurat rachana hai
जवाब देंहटाएंबहुत खूब....
जवाब देंहटाएंसराहनीय , काम के लिए , बधाई !!
बहुत सुन्दर भाव और अभिव्यक्ति के साथ शानदार प्रस्तुती! उम्दा रचना!
जवाब देंहटाएंकाबू में नही कश्ती ,न सही
जवाब देंहटाएंहाथो में अभी पतवार तो है ।
गुर्बत ही सही मेरी लेकिन
रस्ते में कोई दीवार तो है ।
.....सकारात्मक अभिव्यक्ति ....
Achook!
जवाब देंहटाएंBehad khoobsoorat rachanase ru-b-ru karaya aapne!
जवाब देंहटाएंउम्दा गज़ल ।
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