सोमवार, 5 अप्रैल 2010

छोटी -छोटी दो रचनाये



और ठुकराओ


हम ठोकर बहुत खाये हुए है


मन मेरा मुरझा गया


पर होंठ मुस्काये हुए है


हम मसीहा मौत के खुद बन गये


इसलिए


जिंदगी के क्राँस पर मुद्दत से


लटकाये हुए है


,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,


हँसते -हँसते आज क्यों रोने लगे है लोग


अस्तित्व अपने आप क्यों खोने लगे है लोग ,


रात भर तो वो सूरज को ढूंढते रहे


सुबह हुई तो फिर क्यों सोने लगे है ये लोग


..................................................................

15 टिप्‍पणियां:

  1. रात भर तो वो सूरज को ढूंढते रहे
    सुबह हुई तो फिर क्यों सोने लगे है ये लोग

    बहुत खूब!

    जवाब देंहटाएं
  2. दोनो कविताये बहुत सुंदर लगी जी

    जवाब देंहटाएं
  3. bahut sundar rachna
    baki tarif Udan Tashtari ji ne kar di

    shekhar kumawat

    http://kavyawani.blogspot.com/

    जवाब देंहटाएं
  4. ग़ज़ब की कविता ... कोई बार सोचता हूँ इतना अच्छा कैसे लिखा जाता है .

    जवाब देंहटाएं
  5. और न ठुकराओ
    हम ठोकर बहुत खाये हुए है ।
    मन मेरा मुरझा गया
    पर होंठ मुस्काये हुए है ।
    Kabhi-kabhi vikat prasthitiyon mein bhi hoton par muskan barkarar rakhana hi padhta hai....

    हम मसीहा मौत के खुद बन गये
    इसलिए जिंदगी के क्राँस पर मुद्दत से
    लटकाये हुए है ।
    kahin n kahin to kuch galtiyon ke liy hum hi jimedaar rahate hain....

    Jindagi ke gahre bhav.....
    Bahut shubhkamnyen

    जवाब देंहटाएं
  6. "और न ठुकराओ
    हम ठोकर बहुत खाये हुए है ।
    मन मेरा मुरझा गया
    पर होंठ मुस्काये हुए है । "

    vaastavikta si dikhaati rachnaaye dono hi.....

    kunwar ji,

    जवाब देंहटाएं
  7. बहुत ख़ूबसूरत कविताये लिखा है आपने जो काबिले तारीफ़ है! लाजवाब प्रस्तुती! बहुत बहुत बधाई!

    जवाब देंहटाएं
  8. वाह जी वाह ... बहुत सुन्दर रचना है दोनों ही ... खास कर दूसरी कविता बहुत अच्छी लगी !

    जवाब देंहटाएं
  9. बहुत अच्छी प्रस्तुति है....रचनाकार का नाम भी लिख दें तो बहुत अच्छा रहेगा

    जवाब देंहटाएं
  10. दोनों रचनाएं बहुत अच्छी रहीं

    हँसते -हँसते आज क्यों रोने लगे है लोग
    अस्तित्व अपने आप क्यों खोने लगे है लोग...

    इस शेर पर ढेर सारी दाद कबूल फ़रमायें

    जवाब देंहटाएं