शनिवार, 19 दिसंबर 2009

भरोसा ..

सच हो , लोगो की बात

शंकित हो ,मेरे विचार ,

कमजोर करो, मेरे विश्वास

संकीर्ण करो ,अपने ख्याल ,

कुछ तो रक्खो ,रिश्तों की लाज

जिससे टूटे ,मन की आस

9 टिप्‍पणियां:

  1. कुछ तो रक्खो ,रिश्तों की लाज

    जिससे न टूटे ,मन की आस ।


    amar pankti!

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  2. आपका आभार ।
    चंद पंक्तियों में बहुत कुछ । बहुत संदर रचना ।

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  3. thanks for comment on my old blog
    pls see my new blog also

    http://dafaa512.blogspot.com/

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  4. आत्मबल बढ़ाती रचना..बहुत अच्छी है.

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