मुट्ठी भर आतंक देश का सिरदर्द बना ,
देखो तो भाड़ फोड़ रहा है अकेला चना ।
____________________________
जो कुछ भी तेरे पास है ,सब उधार का
लक्षण नज़र नही आता है ,तुझमे सुधार का ।
ये पाक तेरी हरकतों पर कह रहा भारत ,
'कि अच्छा सिला दिया तुने मेरे प्यार का '।
रचनाकार ----विवेक सिंह
रचनाकार
मित्रो, इस ब्लौग में मैं मेरे पसंदीदा रचनाकारों की रचनायें प्रस्तुत करूंगी, जो निश्चित रूप से आपको भी पसन्द आयेंगी.
शनिवार, 22 अगस्त 2009
शुक्रवार, 14 अगस्त 2009
कृष्ण जी के १०८ नाम
कंस दलन , केशिदमन , जसुदासुत , नंदलाल , मुरलीधर ,गोविन्द, हर , गिरधारी गोपाल ||
सुंदरश्याम , राधारमण , रुक्मणी के श्रृंगार , नन्द नंदन , वासुदेव सुत, राधा प्राणाधार ||
चंद्रश्रेष्ठ यदुवंश के गोपिन के चितचोर , गोपी वल्लभ , कृष्णजी, कान्हा , माखन चोर ||
ब्रजपति , ब्रजनिधि, ब्रज्रमण , ब्रज्दाता , बराजमान , ब्रजभानु , ब्रजचंद्रमा , वृजकेतू भगवान||
श्याम , कन्हय्या , सांवरा , सतभामा सिरमोर , वृजभूषण , अखिलेश्वर, श्यामल , नन्द किशोर||
वृजनायक , घनश्याम जी , गोकल के उजियार , योगेश्यर , यदुवंश्म्नी , भगवान प्राणाधार ||
कुंजबिहारी , देवकी नंदन , परमपिता , गीता गायक , नंदलाला , वासुदेव के प्यारे , दीन दयालु , सुखदायक ||
मुरलीधर , माधव , मदन , चक्र , सुदर्शनधारी , नाग नथेयारास रचेया, वनमाली , श्री बनवारी ||
पार्थसारथी , अच्युत , द्वारिकाधीश ललाम , करुणा सागर , भागवत वछल , नारायण , सुखधाम ,||
शेषशायी , सुखराशी , विट्ठल , तीन लोक के नाथ , राधावल्लभ , करुनेश्वर, मोहन , लक्ष्मी नाथ||
निर्गुण , सगुण , निरंजन , माधव , अविनासी , मायापति , भगतन के दाता , दुखहंता,सुखरासी ||
असुरदमन , संकटहरण , राधा के श्रृंगार , मधुसूदन , त्रिलोकपति , दयासिन्धु , कतार ||
गुणातीत , गोपेश , जगपति , जगदीश्वर, जसुदाजीवन , मुरली मनोहर , सुखकर परमेश्वर ||
पीतवसन , त्रीभंगिमा , गऊ चरावन हार , गीतागायक राधिका नायक मनहर कृष्ण मुरार ||
सेवक याता , भाग्य विधाता , आरत भयहारी , सखा , बंधू तुम सब कुछ मेरे, रक्षक बलिहारी ||
सुंदरश्याम , राधारमण , रुक्मणी के श्रृंगार , नन्द नंदन , वासुदेव सुत, राधा प्राणाधार ||
चंद्रश्रेष्ठ यदुवंश के गोपिन के चितचोर , गोपी वल्लभ , कृष्णजी, कान्हा , माखन चोर ||
ब्रजपति , ब्रजनिधि, ब्रज्रमण , ब्रज्दाता , बराजमान , ब्रजभानु , ब्रजचंद्रमा , वृजकेतू भगवान||
श्याम , कन्हय्या , सांवरा , सतभामा सिरमोर , वृजभूषण , अखिलेश्वर, श्यामल , नन्द किशोर||
वृजनायक , घनश्याम जी , गोकल के उजियार , योगेश्यर , यदुवंश्म्नी , भगवान प्राणाधार ||
कुंजबिहारी , देवकी नंदन , परमपिता , गीता गायक , नंदलाला , वासुदेव के प्यारे , दीन दयालु , सुखदायक ||
मुरलीधर , माधव , मदन , चक्र , सुदर्शनधारी , नाग नथेयारास रचेया, वनमाली , श्री बनवारी ||
पार्थसारथी , अच्युत , द्वारिकाधीश ललाम , करुणा सागर , भागवत वछल , नारायण , सुखधाम ,||
शेषशायी , सुखराशी , विट्ठल , तीन लोक के नाथ , राधावल्लभ , करुनेश्वर, मोहन , लक्ष्मी नाथ||
निर्गुण , सगुण , निरंजन , माधव , अविनासी , मायापति , भगतन के दाता , दुखहंता,सुखरासी ||
असुरदमन , संकटहरण , राधा के श्रृंगार , मधुसूदन , त्रिलोकपति , दयासिन्धु , कतार ||
गुणातीत , गोपेश , जगपति , जगदीश्वर, जसुदाजीवन , मुरली मनोहर , सुखकर परमेश्वर ||
पीतवसन , त्रीभंगिमा , गऊ चरावन हार , गीतागायक राधिका नायक मनहर कृष्ण मुरार ||
सेवक याता , भाग्य विधाता , आरत भयहारी , सखा , बंधू तुम सब कुछ मेरे, रक्षक बलिहारी ||
मंगलवार, 4 अगस्त 2009
रक्षाबंधन
भाई -बहन का बंधन
गंगा- जमुना जलधारा
यह उन्माद बहन को 'अपना '
भइया मेरा सहारा
कैसे बतलाऊ भइया तू है
मेरा कितना प्यारा ,
याद आते ही फूट पड़ती
उर में खुशी की धारा ,
अरमान हो उम्मीद हो
तुम हो मेरा सहारा ,
डूबती हुई जिंदगी का
भइया तुम किनारा ,
भेज रही राखी बहना
बाँध लो भइया हमारा ,
आशीष देती तुम्हे निहारती
राखी भइया हमारा ।
यश- कीर्ति धन -धान बढे
आयु बढे तुम्हारा ।
रोग बला सब दूर हो तुमसे
कष्ट -दिन कभी न आए ,
विघ्न- बाधाएं निकट न आए
लग जाए मेरी दुआएं ,
यत्र- तत्र सर्वत्र हो भइया
रौशन तेरा नाम
रोम रोम सुख सम्पदा चूमे
शौहरत करे सलाम ।
जिस पथ से निकलो तुम भइया
दे आशीष भगवान,
मेरा भाई हो आयुष्मान ......
rachanaakaar -indu singh
गंगा- जमुना जलधारा
यह उन्माद बहन को 'अपना '
भइया मेरा सहारा
कैसे बतलाऊ भइया तू है
मेरा कितना प्यारा ,
याद आते ही फूट पड़ती
उर में खुशी की धारा ,
अरमान हो उम्मीद हो
तुम हो मेरा सहारा ,
डूबती हुई जिंदगी का
भइया तुम किनारा ,
भेज रही राखी बहना
बाँध लो भइया हमारा ,
आशीष देती तुम्हे निहारती
राखी भइया हमारा ।
यश- कीर्ति धन -धान बढे
आयु बढे तुम्हारा ।
रोग बला सब दूर हो तुमसे
कष्ट -दिन कभी न आए ,
विघ्न- बाधाएं निकट न आए
लग जाए मेरी दुआएं ,
यत्र- तत्र सर्वत्र हो भइया
रौशन तेरा नाम
रोम रोम सुख सम्पदा चूमे
शौहरत करे सलाम ।
जिस पथ से निकलो तुम भइया
दे आशीष भगवान,
मेरा भाई हो आयुष्मान ......
rachanaakaar -indu singh