शनिवार, 22 अगस्त 2009

कही -अनकही

मुट्ठी भर आतंक देश का सिरदर्द बना ,

देखो तो भाड़ फोड़ रहा है अकेला चना ।

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जो कुछ भी तेरे पास है ,सब उधार का

लक्षण नज़र नही आता है ,तुझमे सुधार का ।

ये पाक तेरी हरकतों पर कह रहा भारत ,

'कि अच्छा सिला दिया तुने मेरे प्यार का '।

रचनाकार ----विवेक सिंह


रचनाकार

20 टिप्‍पणियां:

  1. सरल शब्दों से लिखी गयी रचना ने रचनाकार की देश भक्ति को पूरा मान दिया है ......

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  2. ज्योतिजी,ब्लॉग की दुनिया में नया दाखिला लिया है. अपने ब्लॉग deshnama.blogspot.com के ज़रिये आपका ब्लॉग हमसफ़र बनना चाहता हूँ, आपके comments के इंतजार में...

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  3. कम शब्दों मे सुन्दर बात, बहुत अच्छा लिखा आपने.
    कभी visit करें: www.sachmein.blogspot.com

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  4. ज्योतिजी,आम भारतीय का दिल शीशे की तरह साफ़ होता है.अगर कोई उसे प्यार से देखता है, वो तपाक से हाथ बढ़ा देता है.अगर कोई हाथ बढ़ाता है, वो उसे गले लगा लेता है.अगर कोई गले लगाता है तो वो उसे दिल में बसा लेता है.इसी आदत की वजह से कभी करगिल तो कभी 26-11 की शक्ल में धोखा खाता है लेकिन जिस तरह संत की प्रकृति होती है, वो तमाम दुष्कारियों के बावजूद परोपकार नहीं छोड़ता, वैसे ही भारत पाकिस्तान से रिश्ते सुधारने की कोशिश नहीं छोड़ेगा.ज़रूरत है पाकिस्तान भी दिल से एक बार इस भावना को तो दिखाए..

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  5. बहुत ही सुंदर रूप से आपने देशभक्ति पर हर एक शब्द को पिरोया है ! इस बेहतरीन रचना के लिए बधाई !

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  6. अपने पसन्दीदा रचनाकारों की सूची और बढायें । आपका स्वागत है ।

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  7. achche khayaal rahe hai ..achche lage..

    Deepak "bedil"

    http://ajaaj-a-bedil.blogspot.com

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  8. सुन्दर प्रस्तुति ज्योति जी। सुन्दर प्रयास भी।

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  9. jyoti ji , aabhaar.

    punah.ब्लॉग जगत में स्वागत है.

    swapnyogeshverma.blogspot.com
    swapnyogesh.blogspot.com

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  10. kuch jani pahchani...rachna lagti hai...shayad hum sabki jindgi se judi rachna hai...! maza aagya

    chitthajagat main swagat hai....

    Jai Ho Mangalmay ho

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  11. "ये पाक तेरी हरकतों पर कह रहा भारत,
    कि अच्छा सिला दिया तुने मेरे प्यार का।"
    अच्छी प्रस्तुति....बहुत बहुत बधाई...

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  12. main ek mahine bahar rahi phir bhi aap sabhi logo ka saath bana raha shukriyan aur nayi rachana jaldi hi dalne ja rahi hoon .

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