मंगलवार, 4 अगस्त 2009

रक्षाबंधन

भाई -बहन का बंधन

गंगा- जमुना जलधारा

यह उन्माद बहन को 'अपना '

भइया मेरा सहारा

कैसे बतलाऊ भइया तू है

मेरा कितना प्यारा ,

याद आते ही फूट पड़ती

उर में खुशी की धारा ,

अरमान हो उम्मीद हो

तुम हो मेरा सहारा ,

डूबती हुई जिंदगी का

भइया तुम किनारा ,

भेज रही राखी बहना

बाँध लो भइया हमारा ,

आशीष देती तुम्हे निहारती

राखी भइया हमारा ।

यश- कीर्ति धन -धान बढे

आयु बढे तुम्हारा ।

रोग बला सब दूर हो तुमसे

कष्ट -दिन कभी न आए ,

विघ्न- बाधाएं निकट न आए

लग जाए मेरी दुआएं ,

यत्र- तत्र सर्वत्र हो भइया

रौशन तेरा नाम
रोम रोम सुख सम्पदा चूमे

शौहरत करे सलाम ।

जिस पथ से निकलो तुम भइया

दे आशीष भगवान,

मेरा भाई हो आयुष्मान ......


rachanaakaar -indu singh

13 टिप्‍पणियां:

ज्योति सिंह ने कहा…

bahut sundar rachana bhai bahan ke pavan bandhan pe .

दर्पण साह ने कहा…

meri behan mujhse door hai pehli baar shadi ke baad aur ek jaake canada main baithe hai...

isliye aapki kavita padhkar thodi emotional ho gaya !!

:(

Divya Narmada ने कहा…

हृद्स्पर्शी रचना

ज्योति सिंह ने कहा…

kami hi rishton ki value samjhati hai.darshan ji aur aacharya ji shukriya .

Smart Indian ने कहा…

सुन्दर, सामयिक रचना!

ज्योति सिंह ने कहा…

shukriya aapka bhi .

स्वप्न मञ्जूषा ने कहा…

दे आशीष भगवान,

मेरा भाई हो आयुष्मान ......

भाई-बहन के अटूट प्रेम को और भी बल प्रदान करती हुई है आपकी कविता....
जान से ज्यादा प्यारा मेरा भाई दर्पण भी इस कविता को पढ़ कर विचलित हुआ है ...
मैं देख रही हूँ..पढ़ रही हूँ...समझ रही हूँ..और वही भावः महसूस कर रही हूँ...
इससे बड़ी सफलता आपकी कविता की और क्या हो सकती है
कहो तो ?

ज्योति सिंह ने कहा…

ada ji,aapne to taarifo ke pul bana diye ,har baar naye andaaz liye aati hai aap .shukriya .

बेनामी ने कहा…

samjhana mushkil hai kyuki upar wale ne is anubhuti se door rakha hai ..fir bhi di ko chhonewali rachna !!!

"MIRACLE" ने कहा…

बहुत ही सुन्दर रचना . भाई -बहन का ही रिश्ता तो एक ऐसा रिश्ता जिसे भगवन खुद बनाता है ...इससे पवित्र रिश्ता तो कोई हो नहीं सकता .....

Urmi ने कहा…

बहुत ख़ूबसूरत रचना! दिल को छू गई!

रचना गौड़ ’भारती’ ने कहा…

आज़ादी की 62वीं सालगिरह की हार्दिक शुभकामनाएं। इस सुअवसर पर मेरे ब्लोग की प्रथम वर्षगांठ है। आप लोगों के प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष मिले सहयोग एवं प्रोत्साहन के लिए मैं आपकी आभारी हूं। प्रथम वर्षगांठ पर मेरे ब्लोग पर पधार मुझे कृतार्थ करें। शुभ कामनाओं के साथ-
रचना गौड़ ‘भारती’

Unknown ने कहा…

bahut barhia... isi tarah likhte rahiye

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